ब्रज में होली का त्यौहार


वेसे तो पूरे भारत में होली का त्यौहार सब को अधिक से अधिक प्रिय होता है पर ब्रज में इस त्यौहार को बड़े ही सुंदर तरीके से मनाया जाता है। जिसे देखने के लिए देश-विदेश से भीड़ इकट्ठा होती है। देश में हर जगह होली केवल और केवल दो ही दिन खेली जाती है पर ब्रज में यही होली का त्यौहार पूरे 40 दिन तक मनाया जाता है।

 

बसंत पंचमी से वृंदावन में बांके बिहारी होली खेलने लग जाते हैं बसंत पंचमी के दिन ही सबसे पहला गुलाल का थाल ठाकुर जी की सेवा में आता है। आपने केवल दो प्रकार की होली के बारे में सुना होगा पर ब्रज में होली बहुत प्रकार से मनाई जाती है जैसे फूल होली, लड्डू होली, लठमार होली आदि। बरसाना, नंदगांव के बृजवासी होली की तैयारियों में बहुत दिन पहले से ही लग जाते हैं यहां पर केवल हाथ के बनाए हुए गुलाल के रंग का इस्तेमाल किया जाता है।

 

कितने दिनों से तो टेसू के फूलों से रंग बनाया जाता है आरारोट की मदद से गुलाल बनाया जाता है और लठमार होली खेलने के लिए कहीं महिलाएं अपने लट्ठ को तेल पिलाने लगती हैं और होली के दिन बरसाने में राधा रानी के महल पर हेलीकॉप्टर द्वारा फूलों की वर्षा भी की जाती है आज भी यह त्यौहार ब्रज में द्वापर की तरह ही मनाया जाता है जैसे राधा रानी और ठाकुर जी होली खेला करते थे।