एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में एक युवा ब्राह्मण, जिसका नाम ज्योति था, रहता था। वह बहुत ही जिज्ञासु और बुद्धिमान था। उसके मन में हमेशा यह सवाल रहता था कि पुराणों में क्या लिखा है और ये कैसे हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। एक दिन, उसने अपने गुरु से पूछा, "गुरुदेव, क्या आप मुझे पुराणों की कहानियाँ सुनाएंगे?" गुरु ने मुस्कराते हुए कहा, "पुत्र, पुराण केवल कहानियाँ नहीं हैं, वे जीवन का मार्गदर्शन करते हैं।
अगर तुम वास्तव में जानना चाहते हो, तो तुम्हें पहले उनकी खोज करनी होगी।" ज्योति ने अपने गुरु की बातों को गंभीरता से लिया और पुराणों के गूढ़ रहस्यों को जानने की यात्रा पर निकल पड़ा। उसने गाँव से बाहर निकलकर एक बड़े जंगल की ओर बढ़ना शुरू किया। जंगल में घुसते ही उसने महसूस किया कि यह स्थान एक रहस्य से भरा हुआ है। पेड़ों की सरसराहट और पक्षियों की चहचहाहट में जैसे कोई अनकही कहानी छिपी हो। जंगल में चलते-चलते, ज्योति को एक प्राचीन मंदिर दिखाई दिया। मंदिर की दीवारों पर अनेक चित्र बने हुए थे, जो पुराणों की कहानियों को जीवित कर रहे थे। उसने देखा कि एक चित्र में भगवान विष्णु ने राक्षसों से धरती की रक्षा की थी। यह दृश्य देखकर ज्योति की आँखों में चमक आ गई। उसने सोचा, "यदि मैं इन कहानियों को समझ पाता, तो जीवन के अनेक रहस्यों को जान सकता हूँ।" तभी, एक वृद्ध साधु वहाँ आए। उन्होंने ज्योति को देखकर कहा, "बेटा, तुम पुराणों की खोज में हो?" ज्योति ने सिर झुकाया और कहा, "जी हाँ, साधु बाबा।
मैं जानना चाहता हूँ कि ये कहानियाँ किस प्रकार हमारे जीवन को प्रभावित करती हैं।" साधु ने मुस्कराते हुए कहा, "पुराणों में छिपे ज्ञान को समझना आसान नहीं है। तुम्हें इसके लिए दिल से सुनने और समझने की आवश्यकता है।" इसके बाद, साधु ने उसे पुराणों में से कुछ महत्वपूर्ण कहानियाँ सुनानी शुरू की। ज्योति ने सुनीं कहानियाँ जिसमें भगवान कृष्ण का बाललीला, रामायण की महाकवि वाल्मीकि की रचनाएँ और देवी दुर्गा की शक्ति के किस्से शामिल थे। हर कहानी में एक गहरा संदेश था - सत्य, धर्म, और भक्ति का। ज्योति ने इन कहानियों को ध्यान से सुना और महसूस किया कि ये केवल अतीत की बातें नहीं हैं, बल्कि आज के जीवन में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। उन्होंने साधु से कहा, "अब मुझे समझ में आया कि पुराणों की कहानियाँ हमें कैसे मार्गदर्शन करती हैं।" साधु ने कहा, "ठीक है, बेटा। यह ज्ञान तुम्हारे लिए एक अमूल्य संपत्ति है। इसे अपने जीवन में अपनाओ और दूसरों के साथ साझा करो।" ज्योति ने साधु का आभार व्यक्त किया और गाँव लौट आया। उसने गाँववालों को पुराणों की कहानियाँ सुनाना शुरू किया और सबको उन गूढ़ रहस्यों से अवगत कराया। इस तरह, पुराणों की कहानियाँ न केवल ज्योति के जीवन को बदल गईं, बल्कि पूरे गाँव को भी एक नई दिशा दी। इस प्रकार, पुराणों की कहानियाँ आज भी जीवित हैं, और उनका गूढ़ ज्ञान आज भी हमारे जीवन का मार्गदर्शक है।