अशोक अष्टमी कब है? कथा और पूजा विधि | Ashok Ashtami Kab Hai? Katha or Puja Vidhi

 

अशोक अष्टमी कब है? कथा और पूजा विधि - अशोक अष्टमी पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन अशोक वृक्ष और भगवान शिव की पूजा की जाती है। और अशोक अष्टमी की कथा पूजा विधि नीचे पढ़े | 

 

अशोक अष्टमी की कथा

 

पौराणिक कथाओं के अनुसार अशोक वृक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसू से हुई है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार रावण (लसेश) ने जब अपने कष्टों से मुक्ति पाने के लिए, भगवन शिव को प्रसन्न करने हेतु | शिव तांडव स्त्रोत गाया था, तब शिव भगवान ने तांडव आरंभ किया। लेकिन भगवन शिव के तांडव से सृष्टि पर कोई संकट न आये, इसके लिए सभी देवता भगवान विष्णु के पास गए और प्रार्थना करने लगे। कहते हैं उस समय भगवान शिव की आंखों से दो आंसू गिरते हैं एक आंसू से रुद्राक्ष तो दूसरे से अशोक वृक्ष की उत्पत्ति होती है।

 

अशोक वृक्ष का वर्णन हमारे पुराणों में कई बार मिलता है | अशोक वृक्ष का संबंध हमें पौराणिक कथाओं से भी प्राप्त होता है | लंका में माता सीता जी जिस वृक्ष के नीचे रहती थी वह अशोक का ही था | अशोक वृक्ष के नीचे माता सीता को हनुमान जी मुद्रिका दिखा कर उन्हें कहते है, की “वह श्री राम जी संदेश लेकर आए हैं”| यह सुन कर माता सीता का सारा शोक समाप्त होता है |

 

पुराणों के अनुसार, जब भगवान राम युद्ध में रावण को हराने में असमर्थ थे | तब भगवन राम ने शिव जी का आशीर्वाद लेने के लिए शिव और देवी शक्ति की पूजा की। भगवान राम के समर्पण से प्रसन्न होकर, देवी पार्वती ने उन्हें आशीर्वाद दिया और अगले दिन, भगवान राम ने 'ब्रह्मास्त्र' से राक्षस राजा रावण का वध कर दिया। तब से भगवान शिव और देवी पार्वती की 'अष्टमी' के दिन जुलूस निकालकर इस जीत का जश्न बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है।

 

अशोक अष्टमी 2025 तारिक और पूजा विधि

 

Ashok Ashtami (Ashokastami) 2025 Date, And Puja Vidhi: अशोक अष्टमी का पर्व चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। साल 2025 में यह पर्व 05 अप्रैल को मनाया जाएगाइस दिन अशोक वृक्ष और भगवान शिव की पूजा की जाती है। पुराणों के अनुसार अशोक वृक्ष भगवान शिव से ही उत्पन्न हुआ था। इसलिए इस वृक्ष का पूजन करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। कहते हैं इस व्रत को करने से व्यक्ति हमेशा शोकमुक्त रहता है |

 

अशोक अष्टमी की पूजा विधि : 

 

  • अशोका अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • इसके पस्चात पर अशोक वृक्ष के पते शिवलिंग पर चढ़ाये और अभिषेक करें।
  • अशोक अष्टमी  के दिन शिव जी की पूजा के बाद अशोक वृक्ष पर जल भी जरूर अर्पित करना चाहिए।
  • कच्चे दूध और गंगाजल को मिलाकर अशोक वृक्ष की जड़ में डालें।
  • इसके बाद सूत और लाल धागे को सात बार अशोक वृक्ष में लपेटें।
  • इसके बाद अशोक वृक्ष की परिक्रमा करें।
  • अशोक वृक्ष पर कुमकुम और अक्षत लगाएं।
  • साथ में पेड़ के समक्ष घी का दीपक भी जरूर जलाएं।
  • इसके बाद अशोक वृक्ष की धूप दीप से आरती उतारें।
  • यदि आप अशोक पर्क्ष के समक्ष बैठ कर रामायण के एक अध्याय का पाठ भी करें।
  • इसके बाद अशोक वृक्ष पर थोड़ा सा मिष्ठान भी अर्पित करें।
  • कहते हैं इस दिन अशोक वृक्ष पर पानी में अशोक के पत्ते डालकर पीने से शरीर के सभी रोग खत्म हो जाते हैं।
  • इस तरह से अशोका अष्टमी का व्रत-पूजन करने से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

 

Ashok Ashtami 2025 to 2030 Date :

 

Year Date Day
2025 5 April Saturday
2026 26 March Thursday
2027 14 April Wednesday
2028 3 April Monday
2029 22 April  Sunday
2030 11 April Thursday



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