भगवान जगन्नाथ बीमार क्यों पड़ते हैं? | Bhagwan Jagannath Bimar Kyun Padte hein


स्नान यात्रा के दिन भगवान का ठंडे ठंडे जल से स्नान कराया जाता है। उसके बाद भगवान को सlदा वेश धराया जाता हैl फिर  दोपहर में भगवान को गजा वेश धराया जाता हैl गजा वेश का मतलब बिल्कुल भगवान गणेश की तरह भगवान जगन्नाथ और भैया बलदेव का श्रृंगार किया जाता है मान्यता के अनुसार पूर्णिमा के दिन भगवान का ज्यादा ही स्नान होने के कारण भगवान बीमार हो जाते हैंl जिससे उनके शरीर का ताप बढ़ने लगता हैl

 

जिसके कारण भगवान 15 दिन तक अनसरा घर में रहते हैं फिर भगवान 14 दिन तक किसी को भी दर्शन नहीं देते l15 दिन तक भगवान जगन्नाथ भैया बलदेव बहन सुभद्रा जी का पूरा उपचार चलता है 15 दिन तक ही भगवान जगन्नाथ जी की रसोई में ना तो 56 प्रकार के व्यंजन बनते हैं ना ही कुछ और बनता हैl भगवान को केवल और केवल जड़ी बूटियों द्वारा तैयार हुआ काढ़ा ही दिया जाता है और भगवान का वैद्य द्वारा उपचार होता है और भगवान के श्री अंगों पर ताप कम करने हेतु शीतल लेप लगाए जाते है।

 

आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की दशमी को रसम होती है जिससे पता चलता है कि भगवान श्री जगन्नाथ जी बलदेव जी सुभद्रा जी के स्वास्थ्य में सुधार होने लगा हैl आषाढ़ मास की प्रतिपदा को भगवान जगन्नाथ बलदेव जी और सुभद्रा जी पूरी तरह से स्वस्थ हो जाते हैं l और फिर अपने नवयोवन स्वरूप में दर्शन देने लगते हैंl रसम को नेत्रउत्सव भी कहते हैंl