माघ शुक्ल पक्ष के सप्तमी तिथि को “रथ सप्तमी” या “अचला सप्तमी  ” का व्रत किया जाता है। इस वर्ष यह व्रत २४ जनवरी (बुधवार) २०१८  को रखा जायेगा। यह व्रत भगवान सुर्यदेव को समर्पित है। यह व्रत सूर्य सप्तमी , रथ आरोग्य सप्तमी , सूर्य रथ सप्तमी  आदि नामों से भी जाना जाता है। भविष्य पुराण के अनुसार सुर्यदेव को अपना दिव्य रूप सप्तमी तिथि को ही मिला और संतानें भी इसी तिथि को प्राप्त हुई, अत: सप्तमी तिथि भगवान सुर्य को अतिशय प्रिय है |                                                                                                                                                                                                                अचला सप्तमी महात्म्य:- जो व्यक्ति सप्तमी तिथि का व्रत करता है वह अनेक प्रकार के सुखों का भोग करता है तथा सर्वत्र विजय प्राप्त करता है एवं अंत में उत्तम विमान पर चढ़करसुर्यलोक को जाता है। इस दिन स्नान, दान, होम, पूजा आदि कर्म से हजार गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है।इस व्रत के प्रभाव से सभी प्रकार के रोगों का नाश हो जाता है। महापुण्यदायिनि इस सप्तमी को रथ-सप्तमी कहते हैं। रथसप्तमी को जो उपवास करता है वह कीर्ति, धन, विद्या, पुत्र, आरोग्य, आयु और उत्तमोत्तम कांति प्राप्त करता है।

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