जय वागिश्वरी माता, जय जय जननी माता ,

पद्मासनी भवतारिणी (२) अनुपम रस दाता………..जय वागिश्वरी माता…..

हंसवाहिनी जलविहारिणी, अलिप्त कमल समी (२)

ईन्द्रादि किन्नरने (२) सदा तुं हृदये गमी……..जय वागिश्वरी माता…..

तुजथी पंडित पाम्या, कंठ शुद्धि सहसा (२)

यशस्वी शिशुने करतां (२) सदा हसित मुखा……..जय वागिश्वरी माता….

ज्ञान ध्यान दायिनी, शुद्ध ब्रह्म कृपा (२)

अगणित गुणदायिनी (२) विश्वे छो अनूपा……..जय वागिश्वरी माता…..

ऊर्ध्वगामिनी मां तुं, ऊर्ध्वे लइ लेजे (२)

जन्म मरण ने टाळी (२) आत्मिक सुख देजे……..जय वागिश्वरी माता….

रत्नमयी ऐँ रुपा, सदाय ब्रह्म प्रिया (२)

कर कमले वीणाथी (२) शोभो ज्ञान प्रिया…….जय वागिश्वरी माता….

दोषो सहुना दहतां, अक्षय सुख आपो (२)

साधक इच्छित अर्पी (२) शिशु उरने तर्पो …..जय वागिश्वरी माता….