आ गई महाशिवरात्रि पधारो शंकरजी
हो पधारो शंकर जी आरती उतारें
पार उतारो शंकरजी हो उतारो शंकर जी

तुम नयन नयन में हो, मन धाम तेरा
हे नीलकंठ है कंठ, कंठ में नाम तेरा
हो देवों के देव, जगत में प्यारे शंकर जी

तुम राज महल में, तुम्ही भिखारी के घर में
धरती पर तेरा चरण, मुकुट है अम्बर में
संसार तुम्हारा एक हमारे शंकर जी

तुम दुनिया बसाकर, भस्म रमाने वाले हो
पापी के भी रखवाले, भोले भाले हो
दुनिया में भी दो दिन तो गुजारो शंकर जी

क्या भेट चदाये, तन मैला वर सुना
ले लो आंसू के गंगाजल का हैं नमूना
आ करके नयन में चरण पखारो शंकर जी