भगवत भगवान की है आरती पापियों को पाप से है प्रार्थी ये अमर ग्रन्थ ये मुख्य पन्थ ये पंचम वेद निराला नव ज्योति जगानेवाला हरि गान यही वरदान यही जग की मंगल आरती पापियों को पाप से है प्रार्थी   ... ये शान्तिगीत पावन पुनीत सा कोप मिटानेवाला हरि दरस दिखानेवाला है सुख करनी, है दुःख हरिनी मधुसूदन की आरती पापियों को पाप से है प्रार्थी   ... ये मधुर बोल, जग फन्द खोल सन्मार्ग दिखानेवाला बिगड़ी को बनानेवाला श्री राम यही, घनश्याम यही प्रभु की महिमा की आरती पापियों को पाप से है प्रार्थी   ...