बाबोसा चूरू वाले की आरती देवा बाबोसा चूरू वाले, भक्तो के है रखवाले, रिम झिम उतारे तेरी आरती, बाबोसा रिम झिम उतारे तेरी आरती।।

  सिर पे मुकुट कान में कुंडल, हाथ में सोटा साजे, जग मग जग मग रूप निराला, जग मग जग मग रूप निराला, भुत प्रेत सब भागे, जय हो माता छगनी के लाले, कोठारी कुल के तारे, रिम झिम उतारे तेरी आरती, बाबोसा रिम झिम उतारे तेरी आरती।।

बालाजी ने राज तिलक से, अपनी गोद बिठाया, नीमसर पांचू भरे है मेला, नीमसर पांचू भरे है मेला, भक्तो के मन है भाया, सबके मन को हरषाने वाले, विपदा मिटाने वाले, रिम झिम उतारे तेरी आरती, बाबोसा रिम झिम उतारे तेरी आरती।।

भक्ति भाव से करे आरती, तेरे सारे पुजारी, मन दर्पण में बसों बाबोसा, मन दर्पण में बसों बाबोसा, कलयुग के अवतारी, तेरा मंजूदेवी गुण गाये, गोपाला शीश नवाये, रिम झिम उतारे तेरी आरती, बाबोसा रिम झिम उतारे तेरी आरती।।

देवा बाबोसा चूरू वाले, भक्तो के है रखवाले, रिम झिम उतारे तेरी आरती, बाबोसा रिम झिम उतारे तेरी आरती।।